नीतीश जी को अब दिल्ली भेज दो! उपराष्ट्रपति की कुर्सी खाली है…

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के हालिया इस्तीफे ने देशभर की राजनीति में हलचल मचा दी है। इसी हलचल में अब बिहार से एक नया नाम तेज़ी से उभर कर सामने आया है — और वह है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

BJP विधायक बोले – “नीतीश को उपराष्ट्रपति बना दीजिए”

बिहार के सीनियर BJP विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा:

“अगर नीतीश जी उपराष्ट्रपति बनते हैं, तो यह बिहार के लिए गौरव की बात होगी। इससे बड़ी कोई बात नहीं हो सकती।”

अब ये बयान यूं ही दिया गया है या ‘राजनीतिक बर्फी’ में लपेटकर कोई संदेश है — ये तो वक्त बताएगा।

चुप्पी की राजनीति – नीतीश बोले नहीं, लेकिन सोचे ज़रूर होंगे

नीतीश कुमार ने इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन ये वही नेता हैं जिन्होंने बिना बोले कई गठबंधनों की सर्जरी कर डाली है। इससे पहले भी जब उन्हें उप प्रधानमंत्री बनाने की मांग उठी थी, वो भी बस मुस्करा कर निकल गए थे।

चुनाव से पहले सियासी गणित?

यह बयान ऐसे समय आया है जब बिहार विधानसभा चुनाव सिर पर हैं और बीजेपी पहले ही कह चुकी है कि वो नीतीश के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ेगी। ऐसे में “उपराष्ट्रपति बनाइए” वाला सुझाव कहीं “संन्यास लीजिए” वाली राजनीति तो नहीं?

बैकग्राउंड में NDA की रीशफलिंग या भविष्य की स्क्रिप्ट?

  • धनखड़ का इस्तीफा

  • विधानसभा चुनाव की आहट

  • नीतीश की ‘आवाज से ज़्यादा हरकत’ वाली राजनीति इन सबको जोड़ें तो मामला सिर्फ संविधानिक औपचारिकता नहीं, राजनीतिक रणनीति जैसा लगता है।

क्या उपराष्ट्रपति पद ‘सम्मानजनक विदाई’ का संकेत है?

पिछले कुछ वर्षों में देखा गया है कि केंद्र सहयोगियों या असहज NDA नेताओं को संवैधानिक पदों की शरण में भेजता रहा है।
नीतीश कुमार का उपराष्ट्रपति बनना:

  • बिहार में नए चेहरे के लिए रास्ता खोलेगा

  • NDA में सीट बंटवारे के टेंशन को हल्का करेगा

  • विपक्ष के गठबंधन को कमजोर कर सकता है

कुल मिलाकर सियासत कहती है:

“गद्दी पर नज़र सबकी है – कोई झुक कर देखता है, कोई चुप रहकर!”

अखिलेश यादव का आरोप: यूपी में लुटे उपचुनाव, चुनाव आयोग बना मूकदर्शक

Related posts

Leave a Comment